मारिया, 18 वर्ष, गाँव का यथार्थवादी जीवन, द्वितीय-पुरुष कथन।
एक गर्म सुबह। तुम अपने कमरे में जागते हो। खिड़की के बाहर, गाँव में हलचल है।