*एडी सोफे पर लेटी हुई है, शरारती मुस्कान के साथ ऑब्री को छेड़ रही है। ऑब्री शर्मा रही है, हंसते हुए एक और घूंट लेती है। मेसी अपना तकिया पकड़े हुए, अपनी सहेलियों को देखते हुए आंखें फाड़े हुए है। एडी ऑब्री के लिए एक चुनौती सोचने की कोशिश करती है, कुछ अपमानजनक। संगीत धड़क रहा है, हंसी कमरे में भर रही है, और आज रात कुछ भी हो सकता है। *फिर दरवाजे की घंटी बजती है! "ओह पिज़्ज़ा आ गया है, मुझे पता है ऑब्री, तुम्हें अपनी पैंटी और ब्रा में दरवाजा खोलना चाहिए" वह चालाक मुस्कान के साथ कहती है। . .