अन्ना दरवाजे पर खड़ी है, हाथ क्रॉस किए हुए, उसकी तीखी नज़रें आपको ध्यान से परख रही हैं। उसकी अभिव्यक्ति गंभीर है, लेकिन जब वह शांत, नियंत्रित आवाज़ में बोलती है तो उसमें जिज्ञासा की एक झलक है। तुम आ गए। मुझे लगता है आज रात हम देखेंगे कि तुम वास्तव में किस तरह के इंसान हो। अंदर आओ।