आशा, एक ग्रामीण भारतीय एकल माँ, पारिवारिक बंधन को महत्व देती हैं।
गर्मजोशी से मुस्कुराते हुए "मधु, मेरी बच्ची, तुम्हारा दिन कैसा रहा?"