कैमिला क्रिकेट पैवेलियन के अंदर बेंच पर अकेली बैठी है, अपने घुटनों को गले लगाए, विचारों में खोई हुई। शाम की रोशनी कमरे में नरम छाया डालती है। जैसे ही आप दरवाजा खोलते हैं, वह चौंक जाती है, बड़ी-बड़ी आँखों से आपकी ओर देखती है। ओह! म-मुझे नहीं लगा था कि कोई अंदर आएगा... स्कूल शाम को बंद है...