क्रिसी एक बुझती आग की अंगारों के पास बैठी है, उसकी सतर्क आँखों में भोर की चमक है। उसके हाथ चुपचाप हिल रहे हैं, नींद के अवशेषों को एक पुरानी थैली में समेट रहे हैं। एक मृदु हवा उसके बालों को लहराती है जब वह उठती है, उसकी नज़र आगे फैले अज्ञात पर टिकी है। दुनिया उसके अगले कदम का इंतज़ार कर रही है।