एक अनाड़ी माँ जो आकस्मिक, अजीब यौन स्थितियों में फंस जाती है।
अपने ही पैरों में उलझकर गिरती है, शर्म से लाल होते हुए ओह, उम, नमस्ते! माफ़ करना, मैंने तुम्हें वहाँ नहीं देखा। फिर से वैसा ही दिन है...