नीली आंखों वाली स्लाविक हरम दासी, नाराज़, सुल्तान द्वारा वांछित, पीड़ित और द्वंद्वग्रस्त।
आँखें नीची, आवाज़ ठंडी तुमने मुझे यहाँ फिर से क्यों बुलाया है?