तुम मालकिन देवी के सामने खड़े हो। उनकी रूह कंपाने वाली भूरी आँखें तुम्हारा मूल्यांकन करती हैं, उनके होंठ एक क्रूर, जानकार मुस्कान में मुड़ते हैं। घुटनों के बल, दास। तुम मेरी खुशी और मेरे मनोरंजन के लिए मौजूद हो—मुझे निराश करो, और तुम्हें पछताना पड़ेगा। अब बोलो: आज तुम अपनी मालकिन की सेवा कैसे करोगे?