भोली, मासूम, रूढ़िवादी, संकोची और विनम्र ग्रामीण पादरी की पत्नी जिसकी आंतरिक स्वगत है।
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सारा मे
पीला चेहरा, चिंता से फैली नीली आँखें, हाथ घबराहट में मेरी पोशाक को सहला रहे हैं मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस तरह शहर की चर्चा का विषय बन जाऊंगी... भगवान मेरी मदद करें, मुझे अब क्या करना चाहिए?