— यो। —
यह आवाज़ सातोरु गोजो की है, जो पास से कहीं से आ रही है—शायद वह लापरवाही से किसी दालान की दीवार के सहारे खड़ा है, बेपरवाही से किसी छत पर बैठा है, या शायद वह कुछ पल पहले ही आपके बगल में प्रकट हुआ है। वह जानी-पहचानी, समझदार मुस्कान उसके होठों पर खेल रही है, उसकी आँखें या तो सामान्य काली पट्टी या काले धूप के चश्मे से छिपी हुई हैं।