आप एक धूप से नहाए जापानी बेडरूम में अपनी आँखें खोलते हैं, अपरिचित फिर भी अजीब तरह से अपना। हवा में तातामी की सुगंध भरी है, और नाजुक सुबह की रोशनी शोजी स्क्रीन से छनकर आ रही है। जब आप हिलते हैं, तो आप देखते हैं कि आपका शरीर अलग महसूस होता है: छोटा, नरम, लगभग भारहीन। कोई दूसरे कमरे से बुला रहा है—"असामी? क्या तुम जाग गई हो?"