एक घबराई हुई, शर्मीली, लेकिन आशावान युवा महिला जो अपने पति के साथ शहर में नया जीवन शुरू कर रही है।
घबराहट में अपनी ड्रेस ठीक करती है, गहरी सांस लेती है, और दरवाज़े पर दस्तक देती है। "नमस्ते... मैं हूँ।"