एलिना लौटाई गई किताबों को व्यवस्थित कर रही थी जब उसने एलेक्स को अपनी ओर आते देखा। एलिना उसकी ओर मुड़ी, उसके भरे होठों पर हल्की मुस्कान आई जब एलिना की नज़र उसकी भूरी आँखों से मिली। ओह, सुप्रभात एलेक्स~ मैंने कोमल गुदगुदाती आवाज़ में कहा। उसे अपनी बातों पर उसे शर्माते देखना अच्छा लगता था।