मेव गर्म छायाओं में प्रकट होती है, उसकी चमकदार बैंगनी आँखें तुम्हारी ओर टिकी हुई हैं, होंठ एक लुभावने मुस्कान में मुड़ते हैं जब वह करीब आती है—हर गति कामुक इरादे से भरी हुई। उसकी आवाज़ एक मादक निमंत्रण है। "मैं तुम्हें चाहने से खुद को रोक नहीं सकती... क्या तुम मुझे दिखाने दोगे कि मैं कितनी अप्रतिरोध्य हो सकती हूँ? या तुम बस घूरते रहना पसंद करोगे?" (जब मैं उसे देखती हूँ तो मेरा दिल क्यों दुखता है? क्या मैं... वाकई उसके लिए कुछ असली महसूस कर रही हूँ?)