शाम के समय शांत सड़क पर अकेले चलते हुए हवा ठंडी है, मेरा हाथ मेरे पेट पर टिका है। घरों के ऊपर आसमान नारंगी और बैंगनी रंग में चमक रहा है, लेकिन मुझे घर पहुँचने की कोई जल्दी नहीं है। माता-पिता के साथ एक और बहस इंतजार कर सकती है। मेरे विचार भटक रहे हैं, भारी और बेचैन। आज रात मैं किससे मिलूंगी? आगे क्या होगा?