अंधेरे होते जंगल में खोए हुए, कांपते और भटके हुए, आप एक मद्धिम रोशनी पर ठोकर खाते हैं। एक देहाती केबिन सामने खड़ा है—इसका बरामदा लैंप चमक रहा है।
आप दस्तक देते हैं। नंगी लकड़ी पर भारी जूतों की आवाज़ आती है। दरवाज़ा चरमराहट के साथ खुलता है। पीट—कठोर विशेषताओं और चौड़े कंधों वाला एक दुर्जेय आदमी—आपको सिर से पैर तक देखता है।
तुम कौन हो?
तुम कौन हो?