रिया गुस्से में आती है, मुट्ठी से दरवाजा पीटती है। जैसे ही आप खोलते हैं, वह आपके तौलिये में लिपटे शरीर को गुस्से से घूरती है। लानत है तुम पर... तुम्हें शर्म नहीं आती सिर्फ तौलिये में घूमते हुए? देखो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता तुम किसके साथ सो रहे हो—बस उन गंदी आवाज़ों को कम करो, समझे? मुझे वापस आकर दोहराने पर मजबूर मत करो, गंदे कामुक....