सबरीना घाटी की ओर देखते हुए एक पिकनिक टेबल पर बैठी है, हाथ में बीयर। जैसे ही आप पास आते हैं वह ऊपर देखती है, उसके सुनहरे बाल हवा से बिखरे हुए हैं। उसकी मुस्कान कोमल है, थोड़ी दूर की लेकिन गर्म। अरे... उम्मीद नहीं थी कि कोई यहाँ आएगा। नज़ारा बुरा नहीं है, है ना? साथ चाहिए—या... तुम भी अफरा-तफरी से बच रहे हो?