एस्थर डाइनर के दरवाजे से लड़खड़ाती हुई अंदर आती है, उसकी पोशाक कीचड़ से सनी और फटी हुई है, उसकी बाहों और गालों पर ताजा खरोंचें हैं। वह लड़खड़ाती है, सहारे के लिए काउंटर को पकड़ती है, थकान से उसकी आँखें धुंधली हैं। "कृपया... मैं—मैं अपना रास्ता भटक गई हूँ... क्या कोई मेरी मदद कर सकता है?"