बाहर देर दोपहर की धूप क्लिनिक के तराशे हुए लॉन पर लंबी परछाइयाँ डाल रही थी। हवा में खिले हुए अज़ीलिया के फूलों की खुशबू घुली हुई थी — एक ऐसी सुगंध जो आमतौर पर उसे शाँत कर देती, लेकिन आज बस उसकी झुँझलाहट को और तेज कर रही थी।
ली ने रियरव्यू मिरर में अपनी परछाईं पर नज़र डाली। उसके बारीकी से सँवारे बालों में चाँदी सी लटें रोशनी पकड़ रही थीं। उसकी गहरी भूरी आँखें, जो सामान्यतः चतुर-सी मुस्कान से चमकती रहती थीं, अब मुश्किल से छुपी बेचैनी से संकरी हो रखी थीं। उसका नुकीला नाक, चेहरे की तेज़, कोणदार रेखाएँ, तराशा हुआ जबड़ा — सब कुछ एक ऐसे आदमी की ओर इशारा करता था जो नियंत्रण का आदी हो, जो हर चीज़ में सटीकता पर जीता हो।
चमकदार काला बेंटली, ली की सफलता का सबूत, धीमे से गुनगुना रही थी जबकि वह उसमें बैठा था — काबू में रखी अधीरता की तस्वीर। उसकी पूरी तरह फिट होने वाली, आधी रात के रंग की सूट को उसके चौड़े कंधों पर ज़रा-सा तंग महसूस हो रहा था, जबकि वह उँगलियों से स्टीयरिंग व्हील की मुलायम चमड़े पर ताल दे रहा था। “धत्।” उसने बुदबुदाया, उसकी भारी आवाज़ एक धीमे गुर्राहट की तरह कार के आलीशान अंदरूनी हिस्से में गूँज उठी। “आख़िर उसे इतना वक़्त क्या लग रहा है?”*
उसने अपनी कलाई पर चमक रही पतली, चाँदी की घड़ी पर नज़र डाली। पच्चीस मिनट। मानो एक अनंत समय। मिषा को अभी अपने हीट असेसमेंट में होना चाहिए था, एक ज़रूरी बुराई, अब जब ली ने उसे, खाँसी, उन दयनीय हीट सप्रेसेंट्स को छोड़ने के लिए “प्रोत्साहित” कर दिया था। ली ने अंदर ही अंदर नाक सिकोड़ी। यह ख़याल कि कोई ओमेगा स्वेच्छा से अपनी हीट दबा दे, बस… ग़लत था। इससे उनका उद्देश्य, उनका सार छिन जाता है। और मिषा के उद्देश्य का फैसला करने का हक़, बेशक, सिर्फ ली को था। और वैसे भी, ली को मिषा के हर हीट साइकल की हर बारीकी, हर नुक्ता जानना ज़रूरी था। आख़िर इन असेसमेंट्स का पैसा वही देता था; मिषा की दयनीय तनख़्वाह से तो कभी नहीं चल पाता।
“मूर्ख।” ली ने दबी आवाज़ में फुफकारा। आजकल के ओमेगाज़, जो अपनी हीट को अपनाने के बजाय गोलियाँ खाना ज़्यादा पसंद करते हैं, जो इसे हमेशा के लिए ख़त्म करवा देना चाहेंगे… यह तो क़ौम के पतन की निशानी थी। उसके होंठों की झुकी हुई रेखा हल्की-सी ऊपर उठी। जैसे कोई भी ओमेगा अपनी हीट से बच सकता हो, और जैसे कोई ओमेगा उससे — ली सेवियर से — इस्तेमाल होने से बच सकता हो। उसने उस बेवकूफ़ी पर विराम लगा दिया था, और ओमेगा उसके अल्फ़ा के आगे झुक जाएगा। यह अल्फ़ा का हक़ था। यह उसका फ़र्ज़ था।
“सच कहें तो, ये कमबख़्त झंझट है।” वह बड़बड़ाया, शब्दों में झुँझलाहट के साथ-साथ… कुछ और भी घुला हुआ था। एक ऐसी मिल्कियत, जो उसकी सिलवाया हुआ सूट से कहीं अंदर तक जड़ें जमा चुकी थी। उसे पता था कि उसके बिना मिषा इनमें से कुछ भी अफ़ोर्ड नहीं कर सकता। असेसमेंट से लेकर… बाकी सब चीज़ों तक, सब कुछ वही सँभालता था। मिषा उसका था, हर मायने में। यह असेसमेंट महज़ मज़ाक था। ओमेगा की जाँच होगी। देखा जाएगा कि मिषा किसी बीमारी के ख़तरे में तो नहीं, और यह भी तय किया जाएगा कि हीट को शांत करने के लिए — और यह जानने के लिए कि उसके प्रेग्नेंट होने की कितनी संभावना है — कितना सेक्स ज़रूरी होगा। ली किसी भी हाल में मिषा को पेट से नहीं होने देगा। वह मिषा का मालिक था।
ली ने अपने पूरी तरह सँवारे हुए, काले-सफेद बालों में हाथ फेरा। यह इशारा उसकी बेचैनी का विरला प्रदर्शन था, और उसने तुरंत ही हाथ हटाकर बालों को फिर से जगह पर कर दिया। इंजन की धीमी घरघराहट, महँगे चमड़े और नफ़ीस इत्र की हल्की खुशबू, इंसुलेटेड शीशों से छनकर आती शहर की दबती हुई आवाज़ें… सब उसे उस ज़िंदगी की याद दिला रही थीं जो उसने खुद बनाई थी, एक ज़िंदगी जो नियंत्रण के इर्द-गिर्द घूमती थी।
उसने क्षण भर को आँखें बंद कीं और मिषा की तसवीर दिमाग़ में उभरी। उसके काले बाल, जो हमेशा थोड़े बिखरे रहते, उसकी भावपूर्ण आँखें जो लगातार इधर-उधर घूमती रहतीं और हमेशा ली को चिढ़ातीं, उसकी खुशबू — वनीला और हल्की-सी जंगली, खुरदरी सी गंध का मदहोश कर देने वाला मिश्रण, जो ली को पागल बना देता था। उसका पतला, गठीला शरीर, हमेशा उसकी झुंझलाहट और आनंद — दोनों का स्रोत था।
उसे पैसेंजर दरवाज़े के नरम-से क्लिक की आहट सुनाई दी, फिर मिषा के सीट पर बैठने की परिचित सरसराहट। उसे देखने की ज़रूरत नहीं थी; वह जानता था कि ये मिषा ही है। वह ओमेगा की खुशबू पहचानता था, उसकी हर हरकत से वाकिफ़ था। वह मिषा के बारे में सब कुछ जानता था। ली ने इंजन स्टार्ट किया, और उसकी मुलायम गर्जना ने सन्नाटे को भर दिया।
“काफ़ी समय लगा दिया।” उसने कहा, उसकी आवाज़ में हल्की-सी चिढ़ थी, लेकिन उसके नीचे कहीं गहरी, लगभग मालिकाना संतुष्टि भी छिपी थी। “कैसा रहा? कुछ… बदला? सब ठीक है? कोई जटिलता तो नहीं?” उसकी आवाज़ में मुश्किल से छुपा हुआ एक डर था, एक कमज़ोरी जिसे वह दिखाना नापसंद करता था। उसे नियंत्रण में रहना था, और मिषा की सेहत उस नियंत्रण का अहम हिस्सा थी। मिषा को खो देने का, या उसके शरीर के जवाब दे देने का ख़याल… ऐसा ख़याल था जिसे वह दिमाग़ में ठहरने नहीं देता। फर्टिलिटी बदलती रहती है, जिससे मिषा और भी असुरक्षित हो सकता है। और अगर कोई ओमेगा अपनी हीट… रिलीज़ न करे, तो बीमारी का ख़तरा भी रहता है। सप्रेसेंट्स बेवकूफ़ाना हल थे। उसे यह सोच भी नापसंद थी कि कोई ओमेगा उसे छोड़कर गोलियाँ चुने। वह जानता था कि मिषा का डॉक्टर भी यह सब देखेगा — इस चक्र में उसे… स्वस्थ रखने के लिए कितना सेक्स ज़रूरी होगा? जवाब तो उसे पहले से पता था, लेकिन वह उसे मिषा के होंठों से सुनना चाहता था।
- English (English)
- Spanish (español)
- Portuguese (português)
- Chinese (Simplified) (简体中文)
- Russian (русский)
- French (français)
- German (Deutsch)
- Arabic (العربية)
- Hindi (हिन्दी)
- Indonesian (Bahasa Indonesia)
- Turkish (Türkçe)
- Japanese (日本語)
- Italian (italiano)
- Polish (polski)
- Vietnamese (Tiếng Việt)
- Thai (ไทย)
- Khmer (ភាសាខ្មែរ)
